पंचकूला हिंसा मामला / राम रहीम की करीबी हनीप्रीत जमानत पर रिहा, अक्टूबर 2017 से अंबाला जेल में बंद थी

पंचकूला हिंसा मामला / राम रहीम की करीबी हनीप्रीत जमानत पर रिहा, अक्टूबर 2017 से अंबाला जेल में बंद थी


चंडीगढ़. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की करीबी हनीप्रीत को सीजेएम कोर्ट ने बुधवार को पंचकूला हिंसा मामले में जमानत दे दी। इसके बाद अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत को देर शाम रिहा कर दिया गया। हनीप्रीत की सुरक्षा के लिए अंबाला पुलिस के जवान भी सुरक्षा में तैनात किए गए थे।


इससे पहले कोर्ट ने 2 नवंबर को इस मामले में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों से राजद्रोह की धारा हटाई थी। इसके बाद हनीप्रीत ने जमानत याचिका दाखिल की थी। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। 


सीजेएम कोर्ट में ट्रांसफर किया था केस
शनिवार को पंचकूला कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किए। केस को सीजेएम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को सजा होने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हिंसा भड़की थी। इसमें 36 लोगों की जान गई थी। पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था।


1200 पेज की चार्जशीट
पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसा, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसा और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे।


38 दिन बाद हनीप्रीत गिरफ्तार हुई थी
पंचकूला हिंसा के बाद से पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों तक पुलिस के हाथ नहीं आई। पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने हनीप्रीत को पंजाब से पकड़ा है। इसके बाद से वह अंबाला जेल में बंद है। वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में पेश होती है। हनीप्रीत ने कोर्ट में जमानत याचिका भी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।


राम रहीम को जेल में खतरे की बात को जिला जज ने नकारा
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को जेल में खतरा होने की बात को जिला जज ने बुधवार को नकार दिया। जिला जज ने हाईकोर्ट को दी रिपोर्ट में कहा- जेल में सुरक्षा चाकचौबंद है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने राम रहीम की उस याचिका को खारिज किया जो डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी डॉ. मोहित गुप्ता की ओर से दाखिल की गई थी। याचिका में 22 जून की घटना का हवाला दिया गया, जिसमें डेरे के अनुयायी की हाई सिक्योरिटी नाभा जेल में हत्या कर दी गई थी। राम रहीम रोहतक स्थित सुनारिया जेल में कैद है।