कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा- 20 लाख किसानों का कर्ज माफ, साढ़े बारह लाख की सूची तैयार

मप्र / कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा- 20 लाख किसानों का कर्ज माफ, साढ़े बारह लाख की सूची तैयार



 




  • कहा- तत्कालीन भाजपा सरकार ने कृषि विकास दर के फर्जी आंकड़े जारी किए

  • यादव का कहना है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार का जनता से जो वादा था उसे पूरा किया


भोपाल . पिछले सात महीनों में सरकार वादे के मुताबिक 20 लाख किसानों का कर्जा माफ कर चुकी है। साढ़े बारह लाख किसानों की कर्जमाफी की सूची तैयार है, जिसके अनुसार जल्दी ही किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। इन किसानों में को-ऑपरेटिव बैंक समेत अन्य बैंकों के चालू खाताधारक किसान शामिल हैं। कृषि मंत्री सचिन यादव का दावा है कि देश में इकलौती मप्र की ऐसी सरकार है जो इतने बड़े पैमाने पर किसानों की कर्जमाफी कर रही है।


इससे पहले केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही इसी तरह किसानों का 72 हजार करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया गया था। यादव का कहना है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार का जनता से जो वादा था उसे पूरा किया। इसी दिशा में आगे काम चल रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से जो वादा किया था कि उनका 50 हजार रुपए तक का कर्जा माफ किया जाएगा, पिछले 15 साल प्रदेश में भाजपा की सरकार रही लेकिन किसी भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ।


इसलिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी को लेकर जो भी सवाल कर रहे हैं उन्हें वास्तविकता ज्ञात होना चाहिए। हम पिछले 15 साल में जो भी गड़बड़ियां हुई हैं उनकी जांच करा रहे हैं। इसी तारतम्य में दो साल पहले तक कृषि विकास की दर 34 फीसदी तक बता दी गई। इससे पहले भी कमोबेश यही स्थिति रही। 


कृषि विकास के जारी आंकड़ों की जांच कराएंगे : कृषि मंत्री यादव का कहना है कि दो साल पहले तक कृषि विकास दर 34 प्रतिशत तक होने के जो दावे किए जा रहे थे, उसकी जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं आ जाएगा। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रदेश में अतिवृष्टि की वजह से इस साल प्रदेश की कृषि विकास दर सिमट कर 4.85 प्रतिशत तक रह गई है, जिसके 10 फीसदी तक ही बढ़ने के आसार है।


मैग्नीफिसेंट एमपी / संतरा, अमरूद, आम से लुभाएंगे निवेशकों को; फूड प्रोसेसिंग में निवेश पर फोकस





  • दो दिन पहले सभी मॉल, होटल, सार्वजनिक स्थलों पर रोशनी होगी

  • उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़ी मात्रा में पैदा होने वाले फलों की विशेषता और उसके क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी


भोपाल . संतरा, अमरूद, आम जैसे फलों से बनने वाले प्रोडक्ट के लिए मैग्नीफिसेंट एमपी में आ रहे उद्योगपतियों को लुभाया जाएगा। सरकार इनकी फूड प्रोसेसिंग के लिए निवेश कराने पर भी फोकस करेगी। समिट में आने वाले उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़ी मात्रा में पैदा होने वाले फलों की विशेषता और उसके क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी। विभाग की कोशिश है कि जो फल प्रदेश में सरप्लस हैं अर्थात जिनका उत्पादन, खपत से बहुत ज्यादा है, उनसे फूड प्रोसेसिंग के जरिए निवेश लाया जाए। जैम, जूस, अचार, चटनी, अमचूर, स्क्वॉश आदि की इंडस्ट्री में इनका उपयोग किया जाए।


फूड प्रोसेसिंग में सरकार सब्सिडी भी देगी। जो इंवेस्टमेंट होगा, उसमें प्लांट, मशीनरी व टेक्निकल सिविल कंस्ट्रक्शन पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। छूट की अधिकतम सीमा ढाई करोड़ होगी। 10 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर सब्सिडी की सीमा बढ़ेगी। संतरे के उत्पादन में मप्र पूरे देश में नंबर वन राज्य है। यहां करीब सवा लाख हैक्टेयर में संतरे की खेती होती है। इसका उत्पादन 21 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। अमरूद के उत्पादन में प्रदेश का नंबर दूसरा है। यहां 35 हजार हैक्टेयर में 7 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा अमरूद होता है। इसमें 62 फीसदी सरप्लस उत्पादन है। इसी तरह आम में 71, अनार में 87 व केले में 66 प्रतिशत सरप्लस उत्पादन है।


उत्पादन क्षेत्र के पास ही यूनिट : अलग-अलग फल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में होते हैं। आगर मालवा, छिंदवाड़ा, राजगढ़ व शाजापुर में संतरा, खरगौन, सीहोर, रीवा, विदिशा व कटनी में अमरूद, बैतूल, अनूपपुर, कटनी, बालाघाट व अलीराजपुर में आम, खरगौन, धार, आगर मालवा, शाजापुर व देवास में अनार और बुरहानपुर, बड़वानी, धार व खरगौन में केले का उत्पादन सबसे ज्यादा है। इन्हीं क्षेत्रों में इनकी प्रोसेसिंग यूनिट लगवाने के प्रयास होंगे, ताकि ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम हो और लागत कम आए।


 


इंदौर में मेहमानों के लिए हेरिटेज वॉक : इंदौर | मैग्नीफिसेंट एमपी के लिए अभी तक 673 अतिथियों के आने की मंजूरी मिल चुकी है। मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, अनिल अंबानी का आना फिलहाल तय नहीं हुआ है। हालांकि सभी को न्योता दिया गया है। मेहमानों को इंदौर की संस्कृति, इतिहास और खान-पान से रूबरू कराने के लिए हेरिटेज वॉक आयोजित की जाएगी। यह वॉक 17 व 18 अक्टूबर को होगी। इसके लिए स्मार्ट सिटी परियोजना की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अदिति गर्ग को नोडल अधिकारी बनाया है। बताया गया है कि यह वॉक कृष्णपुरा छत्री, राजबाड़ा व सराफा में होगी। पर्यटन विकास निगम द्वारा सहयोग दिया जाएगा। बीती समिट में आने वाले हिंदुजा बंधु भी इस बार नहीं आ रहे हैं।